Monday, September 6, 2010

गुरु बिन धक्के खाओगे, गुरु बिन धक्के खाओगे ! जन्म जन्म का मांगे लेखा, क्या बतलाओगे !! -- Shabad written by Param Sant Kanwar Saheb ji Maharaj

गुरु बिन धक्के खाओगे, गुरु बिन धक्के खाओगे ! जन्म जन्म का मांगे लेखा, क्या बतलाओगे !!

छल बल करके लूटी दुनिया, क्या ले जाओगे !
सजा मिलेगी कर्म किये की, पड़े चिल्लाओगे !!

गुरु बिन धक्के खाओगे, गुरु बिन धक्के खाओगे ! जन्म जन्म का मांगे लेखा, क्या बतलाओगे !!

जो तुम करो झूठ व्यवहारा, नहीं सत चित लाओगे !
देखेंगे जम दूत खड़े, सब सांच बताओगे !!

गुरु बिन धक्के खाओगे, गुरु बिन धक्के खाओगे ! जन्म जन्म का मांगे लेखा, क्या बतलाओगे !!

आज भजूं मैं काल भजूं, में टेम गवाओगे !
चेता जा तो चेत अभी, नहीं फिर पछताओगे !!

गुरु बिन धक्के खाओगे, गुरु बिन धक्के खाओगे ! जन्म जन्म का मांगे लेखा, क्या बतलाओगे !!

परधन तकते कभी नहीं थकते, क्या ले जाऊगे !
यहाँ की वास्तु यही रहे, तुम खली जाओगे !!

गुरु बिन धक्के खाओगे, गुरु बिन धक्के खाओगे ! जन्म जन्म का मांगे लेखा, क्या बतलाओगे !!

कदे न संत शरण में जाते, ज्ञान कहाँ से पाओगे !
बिन सतगुरु के नाम दान, लख चोरासी भरमाओगे !!

गुरु बिन धक्के खाओगे, गुरु बिन धक्के खाओगे ! जन्म जन्म का मांगे लेखा, क्या बतलाओगे !!

सतगुर 'ताराचंद' के शरण हो, ज्ञान अधर का पाओगे !
'कँवर' भंवर से तभी बचे, जो 'राधा स्वामी' गाओगे !!

गुरु बिन धक्के खाओगे, गुरु बिन धक्के खाओगे ! जन्म जन्म का मांगे लेखा, क्या बतलाओगे !!

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